छत्रपति शिवाजी महाराज के 10 प्रशासनिक और सैन्य सुधार
छत्रपति शिवाजी महाराज केवल एक महान योद्धा ही नहीं, बल्कि कुशल प्रशासक भी थे। उन्होंने अपने शासन को मजबूत करने और मराठा साम्राज्य को सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुधार किए।
गुरिल्ला युद्धनीति (गनिमी कावा) : शिवाजी ने छापामार युद्ध नीति अपनाई, जिससे वे बड़ी सेनाओं पर भी जीत हासिल कर सके।
अष्टप्रधान मंडल : उन्होंने आठ प्रमुख मंत्रियों की एक परिषद बनाई, जो शासन के अलग-अलग क्षेत्रों की देखरेख करती थी।
दुर्ग नीति : शिवाजी ने 300 से अधिक किलों का निर्माण और सुदृढ़ीकरण किया ताकि मराठा साम्राज्य को सुरक्षा मिल सके।
नौसेना की स्थापना : उन्होंने भारतीय इतिहास में पहली बार एक शक्तिशाली नौसेना का निर्माण किया ताकि समुद्री मार्गों की रक्षा हो सके।
समान धार्मिक नीति : शिवाजी ने सभी धर्मों को समान सम्मान दिया और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा दिया।
कर प्रणाली में सुधार : किसानों और व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए शिवाजी ने न्यायसंगत कर प्रणाली लागू की।
सख्त भ्रष्टाचार विरोधी नीति : उन्होंने अपने प्रशासन में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखने के लिए कड़े नियम बनाए।
आधुनिक जासूसी तंत्र : अपने दुश्मनों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उन्होंने एक मजबूत जासूसी नेटवर्क तैयार किया।
स्वराज्य की स्थापना : उन्होंने स्वतंत्र मराठा साम्राज्य की स्थापना करके भारत के स्वराज्य के सपने को साकार किया।
छत्रपति शिवाजी महाराज के 10 वीरतापूर्ण युद्ध
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