गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन होती है।
श्रीकृष्ण ने इंद्र के घमंड को तोड़ा था।
गोवर्धन पर्वत की पूजा से समृद्धि बढ़ती है।
गायों की सेवा करें और अन्नकूट चढ़ाएं।
“गोवर्धन धराधराय नमः” मंत्र का जप करें।
56 भोग लगाएं और परिवार संग बांटें।
यह पूजा जीवन में अन्न और सुख का वचन देती है।