महर्षि दयानंद सरस्वती के 10 अमर विचार

 

जानिए वे कौन-से विचार थे, जिन्होंने भारतीय समाज को बदल दिया।

 

सत्य ही ईश्वर है और ईश्वर ही सत्य है।

 

वेदों का सर्वोच्च स्थान
  • वेदों को सर्वोच्च ज्ञान का स्रोत माना।
  • "वेदों की ओर लौटो" का नारा दिया।

 

मूर्तिपूजा का विरोध
  • अंधविश्वास और मूर्तिपूजा को गलत बताया।
  • कहा, "ईश्वर सर्वव्यापी, निराकार और सर्वशक्तिमान है।"

 

नारी शिक्षा और समानता
  • "नारी शिक्षा से ही समाज का उत्थान संभव है।"
  • महिलाओं को पुरानी परंपराओं में जकड़ने का विरोध किया।

 

जातिवाद का उन्मूलन
  • "मनुष्य कर्म से महान होता है, जन्म से नहीं।"
  • ऊँच-नीच की भावना को समाप्त करने का संदेश दिया।

 

स्वराज का समर्थन
  • "भारत को विदेशी शासन से मुक्त होना चाहिए।"
  • उनके विचारों से स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरणा मिली।

 

अंधविश्वास का विरोध
  • "अंधविश्वास विकास का सबसे बड़ा शत्रु है।"
  • वैज्ञानिक सोच और तर्कशीलता को बढ़ावा दिया।

 

शिक्षा पर जोर
  • "शिक्षा ही समाज को जागरूक और सशक्त बना सकती है।"
  • डीएवी स्कूल और कॉलेज इसी विचारधारा पर स्थापित हुए।

 

महर्षि दयानंद सरस्वती – वैदिक पुनर्जागरण के अग्रदूत

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